परिचय बजट 2024 में भारत सरकार ने आयकर प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत इस बजट में करदाताओं के लिए कुछ नई योजनाओं और राहतों की घोषणा की गई है। इस लेख में, हम जांच करेंगे कि क्या नया आयकर प्रणाली सभी वेतनभोगी करदाताओं के लिए लाभदायक है या नहीं।
नया आयकर प्रणाली नया आयकर प्रणाली एक वैकल्पिक कर प्रणाली है जिसे सरकार ने पुरानी कर प्रणाली के साथ प्रस्तुत किया है। इसका मुख्य उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना है। नई प्रणाली में कुछ आयकर दरों को कम किया गया है, लेकिन इसके साथ ही कई कटौतियों और छूटों को भी हटा दिया गया है।
पुरानी बनाम नई आयकर प्रणाली पुरानी आयकर प्रणाली में करदाताओं को विभिन्न छूटों और कटौतियों का लाभ मिलता था, जैसे कि धारा 80C के तहत निवेश, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम, गृह ऋण ब्याज आदि। हालांकि, नई प्रणाली में इन छूटों को हटा दिया गया है और कर की दरों को सरल बनाया गया है।
आयकर स्लैब (पुरानी प्रणाली) | आयकर दर (पुरानी प्रणाली) | आयकर स्लैब (नई प्रणाली) | आयकर दर (नई प्रणाली) |
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₹2.5 लाख तक | कोई कर नहीं | ₹2.5 लाख तक | कोई कर नहीं |
₹2.5 लाख – ₹5 लाख | 5% | ₹2.5 लाख – ₹5 लाख | 5% |
₹5 लाख – ₹10 लाख | 20% | ₹5 लाख – ₹7.5 लाख | 10% |
₹10 लाख से ऊपर | 30% | ₹7.5 लाख – ₹10 लाख | 15% |
₹10 लाख – ₹12.5 लाख | 20% | ||
₹12.5 लाख – ₹15 लाख | 25% | ||
₹15 लाख से ऊपर | 30% |
लाभ और हानि नए आयकर प्रणाली का मुख्य लाभ यह है कि यह सरल और पारदर्शी है। करदाताओं को विभिन्न छूटों और कटौतियों का गणना करने की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे कर दाखिल करना आसान हो जाता है। इसके अलावा, निम्न और मध्यम आय वर्ग के करदाताओं को इस प्रणाली से लाभ हो सकता है क्योंकि उनकी कर दरें कम हो गई हैं।
हालांकि, उच्च आय वर्ग के करदाताओं के लिए यह प्रणाली उतनी लाभदायक नहीं हो सकती है। वे पुराने प्रणाली के तहत मिलने वाली छूटों और कटौतियों का लाभ नहीं उठा पाएंगे, जिससे उनकी कर देयता बढ़ सकती है।
उच्च और निम्न आय वर्ग के लिए प्रभाव उच्च आय वर्ग के करदाताओं के लिए, पुरानी प्रणाली में मिलने वाली छूटों और कटौतियों के हटने से उनकी कर देयता बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, गृह ऋण ब्याज पर मिलने वाली छूट को हटाने से उनका कर देयता बढ़ सकता है।
दूसरी ओर, निम्न और मध्यम आय वर्ग के करदाताओं के लिए, नई प्रणाली लाभदायक हो सकती है। 5 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं को 5% की दर पर कर देना होगा, जबकि पुरानी प्रणाली में उन्हें विभिन्न छूटों का लाभ उठाना पड़ता था।
निवेश पर प्रभाव नए आयकर प्रणाली में निवेश पर भी प्रभाव पड़ सकता है। पुरानी प्रणाली में, करदाताओं को विभिन्न निवेश विकल्पों में निवेश करने पर छूट मिलती थी, जैसे कि पीपीएफ, एनएससी, एलआईसी प्रीमियम आदि। नई प्रणाली में, इन छूटों को हटा दिया गया है, जिससे करदाताओं का निवेश करने की प्रवृत्ति कम हो सकती है।
निष्कर्ष बजट 2024 में प्रस्तुत नया आयकर प्रणाली कुछ करदाताओं के लिए लाभदायक हो सकता है, जबकि कुछ के लिए नहीं। निम्न और मध्यम आय वर्ग के करदाताओं के लिए यह प्रणाली सरल और लाभदायक हो सकती है, जबकि उच्च आय वर्ग के करदाताओं के लिए यह प्रणाली उतनी लाभदायक नहीं हो सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि करदाता अपनी आय और निवेश की स्थिति के आधार पर निर्णय लें कि कौन सी प्रणाली उनके लिए उपयुक्त है।
इस प्रकार, नया आयकर प्रणाली सभी वेतनभोगी करदाताओं के लिए समान रूप से लाभदायक नहीं है। यह महत्वपूर्ण है कि करदाता अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर निर्णय लें और सही प्रणाली का चुनाव करें।
कुछ अतिरिक्त बातें:
- आप पुरानी और नई प्रणाली के बीच हर साल स्विच कर सकते हैं।
- आप टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग करके यह पता लगा सकते हैं कि आपके लिए कौन सी प्रणाली बेहतर है।
- यदि आपको कोई संदेह है, तो आप कर विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।